Friday, May 15, 2009

ख्वाहिश

कोई नया यौवन हो
कोई नया जीवन हो
कोई नयी हों सांसें
कोई नयी धड़कन हो

जीवन से ऊब गए हम जीवन भर जीते जीते
एक पुराने ढंग से हर पल हर दिन बीते
वक्त नया जो ला दे ऐसा एक साधन हो

ख्वाबों में बसे प्रियतम का रूप सिंगार नया हो
दिल की धड़कन में गूंजे वो इक प्यार नया हो
नजरों को नयापन दे जो एक नया दर्पण हो

सपना एक नया जो देखा ना सपनों में
एक पराया रिश्ता ढूंढें जो अपनों में
अपनापन जो नया दे एक परायापन हो

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